अरे देखो, जिंदगी कितनी हसीन हो गयी, वो खेले ऐसे की तमाशबीन हो गयी| ये प्यार, वार, दर्द, मोहब्बत, सब कुछ, ये तन्हाई, जुदाई, खुदरंग होकर, संगीन हो गयी

By Sandeep Yadav

जब तुम साथ होती हो ना....... बारिस में अम्बर के बूँदो में, छिटक छिटक फिर मटक मटक,   नैनो से रास लड़ाती हैं, चटक पुरवईया चलती हैं,  जब, लिपट लिपट फिर सिमट सिमट, धामन सी प्यार रचाती हैं|

By Sandeep Yadav

चलो, मान लेते आप बहुत खुश होते हैं, लेकिन ये बताओ कि हम वैसे ही, क्यु नहीं जीते हैं,

By Sandeep Yadav

क्यों बेखबर हो अपने ही तकल्लुफ से, कभी अपने आईने को बुलाकर के  पुछो, क्या असर हैं उस पुरानी कसक का, कभी पंख फड़फड़ा  कर के देखो,

By Sandeep Yadav

क्या बचा हैं क्या ही बचा हैं, सब तेरी यादों की आॕधियो में गमगीन हो गयी, वो खेले ऐसे की तमाशबीन हो गयी||

By Sandeep Yadav